श्रीलंका के लोक सेवकों के लिए छठा क्षमता निर्माण कार्यक्रम राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), मसूरी में हुआ शुरू

Mon 09-Dec-2024,05:09 PM IST +05:30

ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |

Follow Us

श्रीलंका के लोक सेवकों के लिए छठा क्षमता निर्माण कार्यक्रम राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), मसूरी में हुआ शुरू
  • इस कार्यक्रम में श्रीलंका के विभागीय सचिव, सहायक विभागीय सचिव, जिला सचिव, लोक प्रशासन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कृषि और पशुधन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और श्रीलंका विकास प्रशासन संस्थान (एसएलआईडीए) के सहायक आयुक्त के रूप में काम कर रहे 40 मध्य-स्तरीय लोक सेवक भाग ले रहे हैं।

  • राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक डॉ. सुरेन्द्र कुमार बागड़े, आईएएस ने सत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके विविधतापूर्ण और संतुलित प्रतिनिधित्व की सराहना की। 

  • कार्यक्रम के दौरान सहायक प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक एनसीजीजी डॉ. एपी सिंह ने कार्यक्रम का अवलोकन किया। दो सप्ताह के कार्यक्रम में प्रशासन के बदलते प्रतिमान, ई-ऑफिस, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, रेरा, जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभाव, आधार जैसे विषयों सहित कई तरह के सत्र शामिल हैं। 

Uttarakhand / Mussoorie :

Mussoorie/ राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने सोमवार को श्रीलंका के मध्य-स्तरीय लोक सेवकों के लिए 6वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत की। दो सप्ताह का यह कार्यक्रम 9 दिसंबर 2024 से 20 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में श्रीलंका के विभागीय सचिव, सहायक विभागीय सचिव, जिला सचिव, लोक प्रशासन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कृषि और पशुधन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और श्रीलंका विकास प्रशासन संस्थान (एसएलआईडीए) के सहायक आयुक्त के रूप में काम कर रहे 40 मध्य-स्तरीय लोक सेवक भाग ले रहे हैं।

राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक डॉ. सुरेन्द्र कुमार बागड़े, आईएएस ने सत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके विविधतापूर्ण और संतुलित प्रतिनिधित्व की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कार्यक्रम शासन और प्रशासन की व्यापक समझ प्रदान करने के लिए बनाया गया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में भारत के प्रशासनिक कामकाज के सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन सत्रों का उद्देश्य बुनियादी प्रशासन, स्वास्थ्य सेवा और सार्वजनिक प्रशासन में नीतिगत ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों की समझ प्रदान करना है। उन्‍होंने बताया कि चर्चाओं में सफल मॉडल दिखाए जाएंगे जो प्रतिभागियों के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। प्रशासन के तौर-तरीकों को बेहतर बनाने में प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की भूमिका पर अतिरिक्त ध्यान दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि भारत की अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों की सक्षम कार्यप्रणाली विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में, तथा गैर-जैव अपशिष्ट के प्रभावी प्रबंधन के बारे में भी जानकारी शिक्षण अनुभव के आधार पर साझा की जाएगी। डॉ. बागड़े ने कार्यक्रम के दौरान और भविष्य के सहयोग में अधिकारियों से सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया, तथा साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के दौरान सहायक प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक एनसीजीजी डॉ. एपी सिंह ने कार्यक्रम का अवलोकन किया। दो सप्ताह के कार्यक्रम में प्रशासन के बदलते प्रतिमान, ई-ऑफिस, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, रेरा, जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभाव, आधार जैसे विषयों सहित कई तरह के सत्र शामिल हैं। सभी प्रतिभागियों का वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई), जिला प्रशासन गाजियाबाद, साइबर सुरक्षा सेल नोएडा, एडीवीईआरबी ग्लोबल रोबोटिक्स कंपनी, ग्रेटर नोएडा, पीएम गति शक्ति अनुभूति केंद्र, भारत मंडप, प्रधानमंत्री संग्रहालय और ताजमहल देखने का भी कार्यक्रम है।

यह उल्लेख करना आवश्‍यक है कि एनसीजीजी ने अब तक श्रीलंका के 214 वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है। 2014 में स्थापित राष्ट्रीय सुशासन केंद्र भारत और अन्य देशों के लोक सेवकों को प्रशिक्षित करने की जिम्‍मेदारी निभाता आ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, केंद्र ने मलेशिया, ओमान, गयाना, अल-साल्वाडोर, कोस्टा रिका बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, नेपाल, भूटान, म्यांमार, इथियोपिया, इरिट्रिया, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिजी, मोजाम्बिक और कंबोडिया जैसे 34 देशों के अधिकारियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है। कार्यक्रम का समन्वयन संयुक्‍त कार्यक्रम समन्वयक और एनसीजीजी के संकाय डॉ. ए.पी. सिंह, डॉ. एम.के. भंडारी और कार्यक्रम सहायक श्री संजय दत्त पंत और वाईपी मोनिषा के साथ  एनसीजीजी टीम द्वारा किया जा रहा है।